अश्वगंधा एक ऐसा पौधा है जो आयुर्वेद में कई औषधियों को बनाने में काम आता है। इसके कई अनेक फायदे हैं जो हम यहाँ देखेंगे। कई बीमारियाँ ऐसी हैं जिनका इलाज एलोपैथी में नहीं है लेकिन आयुर्वेद में उन बिमारियों को पूर्ण रूप से नष्ट करना संभव है। अश्वगंधा भी उन्हीं आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है।
- अश्वगंधा के चमत्कारिक फायदे:
- तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी इन सभी से निजात पाने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
- डिप्रेशन को कम करने के लिए भी अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
- अश्वगंधा में एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हर प्रकार के इन्फेक्शन को खत्म करते हैं।
- ह्रदय सम्बन्धी बिमारियों को दूर करने के लिए भी अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
- कैंसर से बचने के लिए भी अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
- घाव होने पर अगर अश्वगंधा की जड़ को उस घाव पर पीसकर लगा लिया जाये तो जल्दी ही घाव भर जाता है। इसके प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है।
- त्वचा के लिए भी अश्वगंधा बहुत ही उपयोगी है। त्वचा रोग को दूर करने एवं झुर्रियों को कम करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
- अश्वगंधा का प्रयोग कैसे किया जाए:
अश्वगंधा का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है। जैसे:
- अश्वगंधा का अर्क निकाल कर उसे पीने से कई बिमारियों से निजात मिलता है।
- अश्वगंधा की जड़ को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर भी प्रयोग किया जाता है।
- जैसा कि ऊपर बताया कि अश्वगंधा की जड़ को पीसकर उसे घाव पर लगाने से फायदा होता है तो इसकी जड़ को पीसकर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
इस तरह से अश्वगंधा का प्रयोग अनेक रोगों से राहत पाने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसी दवा है जिसका प्रयोग आयुर्वेद की अत्यधिक सभी औषधियों में किया जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा, नीम, तुलसी, एलोवेरा, हल्दी इन सभी को एक विशेष स्थान प्राप्त हैं एवं इनसे कई प्रकार के इलाज संभव हैं। आयुर्वेद सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है जिसमें कई जटिल बिमारियों का इलाज संभव है।